गाय की सेवा क्यो करनी चाहिए

गाय की सेवा क्यो करनी चाहिए तथा गोमूत्र और गोबर के महत्व

गाय की सेवा क्यो करनी चाहिए

हिंदू मान्यता के अनुसार गाय को दूध देने वाला पशु ना मानकर इसे देवी देवताओं से भी उच्च स्थान प्राप्त है वेदों के अनुसार गाय माता के गोबर में लक्ष्मी, गोमूत्र में मां भवानी तथा गौ के थनों में समुद्र विद्यमान है वेदों के अनुसार गो माता के चरणों की धूल का तिलक मात्र लगाने से सभी तीर्थ स्थल से भी ज्यादा फल मिलता है जहा पर भी गो माता खुशी से रम्भाती है उस इलाके के सभी दोष दूर हो जाते है गाय माता के सभी अंगों में अलग अलग देवी देवताओं का स्थान प्राप्त है

गाय की सेवा क्यो करनी चाहिए

जैसे = गाय के मुख में सभी वेदों का निवास स्थान है, सिंग में भगवान शंकर तथा विष्णु सदेव विराजमान रहते है, मस्तक में ब्रह्माजी, नेत्रों में सूर्य देवता और चंद्र,जीवा में सरस्वती,मूत्र स्थान में गंगाजी आदि

गाय का झुंड कही भी आराम से बैठता है उस स्थान की न केवल सोभा बढ़ती है बल्कि वह इलाका सभी पापो से मुक्त हो जाता है
तीर्थ स्थानों में दान, ब्राम्हणों को भोजन देने आदि में जो पुण्य प्राप्त होता है उस से कही ज्यादा पुण्य गाय को हरा चारा खिलाने से मिलता है

ग्रंथो के अनुसार जिस घर में गाय माता हो और उस घर में अगर विपदाएं आती है तो गो माता उन्हें अपने ऊपर लेलेती है खुद मार जाएगी पर अपने मालिक को बचा लेती है ये गो माता की महिमा है

इन कारणों से हमें गाय की सेवा क्यो करनी चाइये! इस आर्टिकल में आप गाय के बारे और भी जान सकते है

गोमूत्र और गोबर के महत्व

आयुर्वेद के अनुसार गोमत्र के निरंतर सेवन से कैंसर जैसी बीमारियां भी घुटने टेक देती है
अगर गोमूत्र और गाय का गोबर मिलाकर शरीर पर लगाया जाए तो पुराने से पुराना चर्म रोग भी ठीक हो जाता है

लक्ष्मी माता का निवास स्थान:- जब ब्रह्मा जी ने सभी देवी देवताओं को गाय माता में स्थान दे रहे थे तब लक्ष्मी माता को आने में देर हो गई थी जब देर से पहुंची तो लक्ष्मी भी बोली की मुझे भी स्थान चाहिए लेकिन ब्रह्माजी ने कहा कि अब कोई स्थान नहीं बचा सिर्फ एक स्थान है जहां आप भी रहना पसंद नहीं करोगी वो नाम है गोबर बोली पसंद करोगी रहना इस पर लक्ष्मी माता ने कहा हा स्वीकार है

गाय की सेवा कैसे करे

उस दिन से गो माता का निवास स्थान गाय के गोबर में हो गया इसलिए सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले चाहे उस स्थान पर कितने भी कीमती पत्थर लगे हो परंतु सुभारंभ गाय के गोबर को लीपकर ही किया जाता है
गाय माता की महता तो अनंत है

इस आर्टिकल में बताया गया है की गाय की सेवा क्यों करनी चाहिए तथा गोमूत्र और गोबर के महत्व

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